Friday, December 5, 2008

मैं कविताएँ करता हूँ ...

मैं  आजाद पंक्षी हूँ आजादी पसंद करता हूँ ,
इस सून सान दुनिया में मैं वादी पसंद करता हूँ
बेरुखे मौसम में मैं बहारों कि बात करता हूँ
लोगो का दर्द समझने को मैं गरीबों कि याद करता हूँ
जनमानस का उद्धार करने को मैं ईश्वर से फरियाद करता हूँ
मैं किसी और से नहीं सिर्फ ईश्वर से ही डरता हूँ
समाज को सन्देश देने के लिए मैं नित कवितायेँ करता हूँ

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