Tuesday, April 17, 2012

अब क्रांति का नाद करो

लोकतंत्र को लूटतंत्र में परिवर्तित कर डाला है
गांधीवादी हाथों में अब मदिरा का प्याला है
नेताओं के अपनों को खूब रेवड़ी बंटती हैं
और गरीबों की रातें भूखी नंगी कटती हैं
काले धन की बात करो तो डंडे खाने पड़ते हैं
लोकपाल की मांग करो तो दिन जेलों में कटते हैं
अरबों के घोटाले करके अरबपति बनजाते हैं
सच कहने वालों को, नेता पागल ही बतलाते हैं
उठो धरा के वीर सपूतों भारत माँ को याद करो
भ्रष्ट व्यवस्था परिवर्तन को अब क्रांति का नाद करो

4 comments:

  1. These are my favorite lines

    उठो धरा के वीर सपूतों भारत माँ को याद करो
    भ्रष्ट व्यवस्था परिवर्तन को अब क्रांति का नाद करो

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