लोकतंत्र को लूटतंत्र में परिवर्तित
कर डाला है
गांधीवादी हाथों में अब मदिरा का प्याला
है
नेताओं के अपनों को खूब रेवड़ी बंटती हैं
और गरीबों की रातें भूखी नंगी कटती हैं
काले धन की बात करो तो डंडे खाने पड़ते
हैं
लोकपाल की मांग करो तो दिन जेलों में
कटते हैं
अरबों के घोटाले करके अरबपति बनजाते हैं
सच कहने वालों को, नेता पागल ही बतलाते हैं
उठो धरा के वीर सपूतों भारत माँ को याद
करो
भ्रष्ट व्यवस्था परिवर्तन को अब क्रांति
का नाद करो
These are my favorite lines
ReplyDeleteउठो धरा के वीर सपूतों भारत माँ को याद करो
भ्रष्ट व्यवस्था परिवर्तन को अब क्रांति का नाद करो
Good one
ReplyDeleteGood Job
ReplyDeletethanks bhai ....
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