भई बचपन से सुनते आ रहे थे की भारत विविधताओं का देश है ,और है भी ,इसका एहसास
हुआ भी जब पापी पेट की खातिर अपनी रोजीरोटी के लिए भारत के कई हिस्सों में विचरण
करके पहुच गये सुदूर पूर्वोत्तर राज्य “ मिजोरम “, जिसकी सीमा से म्यांमार (बर्मा)
और बांग्लादेश सटे हुए हैं |यहाँ पहुँच के बहुत से मित्रों से बात हुई, सबने बहुत
सी बातें पूछी यहाँ के बारे में उनमे से एक बात जो अमूमन सभी ने पूछी या यूँ कहें
की एक ऐसी बात जो थोड़ी बहुत सभी को पता थी यहाँ के बारे में वो थी “ भाई वहाँ की
चिंकी(छोटी आँखों वाली लड़कियां) कैसी हैं ,सुना है बहुत सुन्दर होती हैं ?” हमने भी सोचा चलो
कुछ तो है जो दूर उत्तर में बैठे मित्रों को पूर्वोतर की याद दिलाता है |सुंदरता
है भी मिजोरम में ,मिजोरम के लोगो में | प्रकृति की गोद में पहाड़ियों पे बसा
मिजोरम शायद भारत का सबसे स्वक्ष प्रदेश होगा ,ये एक ऐसी बात है जो मुझको लगता है
भारत के हर प्रदेश तक पहुचनी चाहिए |यहाँ का मौसम बिल्कुल वैसे ही रंग बदलता है जैसे
कि नेता अपनी बात बदलते हैं|अनूप जी के परामर्श के बाद सोचा कि आपको भी बताऊँ अपना अनुभव |
यहाँ आकर मुझको एहसास हुआ किस तरह से सभी में समानता है ,खास तौर से मिजो (मिजोरम के निवासी ) लोगों में ,अमीरी गरीबी का कोई फर्क मालूम ही नहीं पड़ता ,सब आपस में ऐसे मिलते हैं जैसे बहुत ही खास हो एक दूसरे के|महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों में समानता है ,सिर्फ कागजों में नहीं वास्तविकता में |विचारों में खुलापन है, क्या बताएं हमको मिजो भाषा ही नहीं आती वरना हम भी विचारों के खुलेपन का कुछ तो अनुभव लेते ही या अनूप शुक्ला जी कि भाषा में बोल्ड होने कि कोशिश करते|मानव विकास सूचकांक में दूसरे नंबर का ये प्रदेश शिक्षा में भी दूसरे स्थान पर है|वन सम्पदा में धनी मिजोरम के हर घर में आपको सोफा जरूर मिलेगा भले ही परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता हो | ईसाई धर्म के अनुयायी सबसे जादा हैं या यूँ कहें वहीँ दिखते हैं हर जगह| हर गली –मोहल्ले ,गाँव- कस्बे में गिरिजाघर जरूर है |रविवार को तो मानो निषेधाज्ञा(कर्फ़्यू) लग जाता है सिर्फ लोग नज़र आते हैं तो गिरिजा घर में अब वहां बच्चे बूढ़े या जवान सभी पहुचते हैं |भई उस दिन तो चिंकी देखने वाली ही होती हैं |यहाँ कि सभ्यता ,वेश-भूषा और रहन सहन में पाश्चात्य सभ्यता कूट कूट के भरी है |उसकी ही देन है कि एड्स और एड(सहायता) दोनो ही खूब मिल रहे हैं इस प्रदेश को ,एड भारत सरकार और मिशनरीज़ दोनो कि ही तरफ से खूब मिलती है | सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) की जितनी खपत इस प्रदेश में होती है उतनी तो उत्तर प्रदेश(सबसे जादा जनसँख्या वाला प्रदेश ) में भी नहीं होती होगी|
यहाँ आकर मुझको एहसास हुआ किस तरह से सभी में समानता है ,खास तौर से मिजो (मिजोरम के निवासी ) लोगों में ,अमीरी गरीबी का कोई फर्क मालूम ही नहीं पड़ता ,सब आपस में ऐसे मिलते हैं जैसे बहुत ही खास हो एक दूसरे के|महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों में समानता है ,सिर्फ कागजों में नहीं वास्तविकता में |विचारों में खुलापन है, क्या बताएं हमको मिजो भाषा ही नहीं आती वरना हम भी विचारों के खुलेपन का कुछ तो अनुभव लेते ही या अनूप शुक्ला जी कि भाषा में बोल्ड होने कि कोशिश करते|मानव विकास सूचकांक में दूसरे नंबर का ये प्रदेश शिक्षा में भी दूसरे स्थान पर है|वन सम्पदा में धनी मिजोरम के हर घर में आपको सोफा जरूर मिलेगा भले ही परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता हो | ईसाई धर्म के अनुयायी सबसे जादा हैं या यूँ कहें वहीँ दिखते हैं हर जगह| हर गली –मोहल्ले ,गाँव- कस्बे में गिरिजाघर जरूर है |रविवार को तो मानो निषेधाज्ञा(कर्फ़्यू) लग जाता है सिर्फ लोग नज़र आते हैं तो गिरिजा घर में अब वहां बच्चे बूढ़े या जवान सभी पहुचते हैं |भई उस दिन तो चिंकी देखने वाली ही होती हैं |यहाँ कि सभ्यता ,वेश-भूषा और रहन सहन में पाश्चात्य सभ्यता कूट कूट के भरी है |उसकी ही देन है कि एड्स और एड(सहायता) दोनो ही खूब मिल रहे हैं इस प्रदेश को ,एड भारत सरकार और मिशनरीज़ दोनो कि ही तरफ से खूब मिलती है | सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) की जितनी खपत इस प्रदेश में होती है उतनी तो उत्तर प्रदेश(सबसे जादा जनसँख्या वाला प्रदेश ) में भी नहीं होती होगी|
भई शादी तो बस ४०० – ५०० रुपये में ही हो जाती है और अगर खट पट हो जाये तो
तलाक भी चुटकियों में हो जाता है और २०-३० रुपये काट के बाकी रुपया वापस,मतलब की
आम के आम और गुठलियों के दाम भी|शादी में दहेज के तौर पर तकिया जरूर दी जाती है
,अब मैं ये पता लगाना तो भूल ही गया कि तकिया इतनी जरूरी क्यूँ?
गीता ,गोविन्द और गौतम के इस देश में मिजोरम जैसा भी १ प्रदेश है जहाँ शायद ही
कोई जानवर हो जिसको मारके खाया ना जाता हो “ गाय ” भी ?लोगो को सबसे जादा पसंद है “कुत्ता”,चलो भई
भारत के इस प्रदेश में तो लोगों को कुत्ता पसंद आया|सुवर सबसे जादा खाया जता है और
व्यापार और रोजगार का सबसे बड़ा साधन भी है |
भारत का एक प्रदेश जिसकी भाषा(मिजो) में सिर्फ अंग्रेजी की वर्णमाला का प्रयोग होता है |
खेल के विकास में प्रदेश ने बहुत ही उन्नति की है ,ग्रामीण स्तर तक खेल के मैदान हैं और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह यहाँ भी फ़ुटबाल का खुमार छाया रहता है और लोग क्रिकेट के मोहपाश से मुक्त हैं |
भारत का एक प्रदेश जिसकी भाषा(मिजो) में सिर्फ अंग्रेजी की वर्णमाला का प्रयोग होता है |
खेल के विकास में प्रदेश ने बहुत ही उन्नति की है ,ग्रामीण स्तर तक खेल के मैदान हैं और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह यहाँ भी फ़ुटबाल का खुमार छाया रहता है और लोग क्रिकेट के मोहपाश से मुक्त हैं |
अंतिम समय भी लोग सज धज के गीत गाते हुए विदा करते हैं मतलब की अंतिम संस्कार (सुपुर्दे ख़ाक) करते हैं |
तभी कहते हैं भारत में अनेकता में एकता है ............हम इस एकता को बनाये रखेंगे |
bahut sahi likh dala sarkar ... I like it. :)
ReplyDeleteThanks Boss
ReplyDeleteसही लिखे हो लड़के!!!
ReplyDeleteहाहा भईया बस अब आपके हुनर से कुछ सीखने कि कोशिश कर रहा हूँ ......इस विषय पर लिखने के लिए अनूप जी ने ही कहा था .....आशीर्वाद बनाये रखिये .....
ReplyDeleteबहुत खूब! बहुत रोचक विवरण लिखा है। ऐसे ही वहां के बारे में नियमित डायरी लिखते रहो। आनन्द आयेगा।
ReplyDeleteकोई ’चिंकी’ भी तुम्हारा ब्लाग पढ़े और सराहे इसके लिये शुभकामनायें। :)
मौसा जी बस आपके आशीर्वाद और परामर्श से लिख पाया .....शुभकामना अच्छी है .....धन्यवाद
ReplyDeleteअच्छा लिख रहे हो भाई........ Keep it up, a little bit of editing is required,rest is fine.
ReplyDeleteधन्यवाद .....कृपया सुझाव दे संशोधन के ....
ReplyDeleteGreat going dear :)
ReplyDeleteThansk Jiju ....
ReplyDeletebhut acchhaa likha hai aapne...
ReplyDeleteThnaks ...
ReplyDeletekya bat hhain bahut badiya sr
ReplyDeletekya bat hhain bahut badiya sr
Deleteatul yadav