Tuesday, April 24, 2012

प्रधानमंत्री "मौन और विवश "

आओ हम बात करें देश के विधान की
और फिर बात हो देश के प्रधान की
योग्यता,निष्ठा,कर्म और ज्ञान की
या फिर मौनसाधे विवश इन्सान की


महंगाई बढ़ रही आप मौन क्यूँ हैं
हो रहा लूट पाट आप मौन क्यूँ हैं
अपने पद का उपयोग कीजिये
दोषी लोगों को आप सजा दीजिए

भूख से कोई मरे गुनाहगार कौन है
आज भ्रष्टाचार पे विधान क्यूँ मौन है
मिलती नहीं शिक्षा देश के जवान को
स्वास्थ्य लाभ मिलता नहीं आम इन्सान को

अब आप जागिये देश की पुकार है
देश में चारों ओर मचा हाहाकार है
व्यक्ति विशेष को छोडकर आप धर्म निभाइए
अपनी निष्ठा का केंद्र बस देश को बनाइये

6 comments:

  1. या फिर मौनसाधे विवश इन्सान की


    awesome line dude and an awesome poem. I like the taunts :)

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  2. प्रधानमंत्री जी के बारे में हम कुछ न कहेंगे।

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    1. हाहाहा कहीं आप भारत सरकार के ही अधिकारी है तभी अपने प्रधान के बारे में कुछ कहना नहीं चाहते ......

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